Sunday 7 August 2016

लाजबाब हो गयी

चाहने वालो के लिए एक ख्वाब हो गयी सब कहते है क़ि तू माहताब हो गयी जबाब तो तेरा पहले भी नही था पर सुना है क़ि अब और लाजबाब हो गयी|| कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय

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