मैने तुझको लिप्त है देखा
भोग विलास के प्रकारो में,
मैने तुझको जाते है देखा
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारो में |
भाई को भाई से लड़ते देखा
लड़ते लड़ते मरते देखा
किसी अंजान की खातिर
दुनिया से भी झगड़ते देखा |
देखा मैने तुझको खेलते
नारी के अधिकारो से
कभी भरी कलाई देखी
राखी के त्योहारो से |
मैने प्यार के धोखे में
अस्मत को भी लूटते देखा
बड़ी बड़ी दीवारो बीच
नाज़ुक दिल को टूटते देखा |
एक मा को मैने रोते देखा
बेटो को भूखे सोता देखा
दूर कही एक मंदिर में
भंडारा भी होते देखा |
कई संस्कृति मिटाते देखा
एक नई संस्कृति बनाते देखा
किसी और के सपनो पर
सपनो का महल बनाते देखा |
किसी की खातिर जाल बिछाया
उसी जाल में फसते देखा
कभी कभी तो बिना बात के
रोते और फिर हसते देखा |
भोग विलास के प्रकारो में,
मैने तुझको जाते है देखा
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारो में |
भाई को भाई से लड़ते देखा
लड़ते लड़ते मरते देखा
किसी अंजान की खातिर
दुनिया से भी झगड़ते देखा |
देखा मैने तुझको खेलते
नारी के अधिकारो से
कभी भरी कलाई देखी
राखी के त्योहारो से |
मैने प्यार के धोखे में
अस्मत को भी लूटते देखा
बड़ी बड़ी दीवारो बीच
नाज़ुक दिल को टूटते देखा |
एक मा को मैने रोते देखा
बेटो को भूखे सोता देखा
दूर कही एक मंदिर में
भंडारा भी होते देखा |
कई संस्कृति मिटाते देखा
एक नई संस्कृति बनाते देखा
किसी और के सपनो पर
सपनो का महल बनाते देखा |
किसी की खातिर जाल बिछाया
उसी जाल में फसते देखा
कभी कभी तो बिना बात के
रोते और फिर हसते देखा |