Hindi Poem
मोहब्बत की थोड़ी सी इनायत करके
छुप जाता है वो चेहरा शरारत करके,
उसको नहीं ख़बर क्या हाल है मेरा
यख़-बस्ता है ज़र्बत-उल-हरारत करके||
#शिवदत्त श्रोत्रिय