Sunday 4 January 2015

मै अकेला ही था


मै रो रहा था जब
तब सब हस रहे थे
मै ठिठुर रहा था ठंड मे
सब कपड़ो को कस रहे थे
दुनिया नयी थी मेरे लिए
हर रिस्ता नया था
सब कहते थे घर मे
मेहमान आ गया था
कुछ समय पहले ये दुनिया ना थी
मै अकेला ही था, मै अकेला ही था||

बिगत बीस बरसो मे
कुछ नये रिस्ते बने थे
अचानक उन सबसे दूर
हम चल तो दिए थे
कुछ परिवार की अपेछाए
कुछ सपनो का ध्यान
जिसकी खातिर छोड़ा था
मैने अपना शहर और मकान
तब घर से दूर अन्जानो के बीच
मै अकेला ही था, मै अकेला ही था||

महफ़िल भरी हुई थी
मंच पर मै अकेला था
मेरे सामने भीड़ का
जैसे एक मेला था
मुख से कुछ शब्‍द बहे
और था चारो और कोलाहल
तालियो के स्वर से
गूँजायमान था पूरा माहौल
पर जब मंच से उतरा सिर उँचा करके तब
मै अकेला ही था, मै अकेला ही था||

भीड़ के साथ होते हुए भी
तन्हा ही सफ़र था अब
फिर से साथ आए है
मेरे जानने वाले जब
मेरी मिट्टी से बोल रहे थे
मुझसे वो बोले ही कब
उस वक़्त हस रहा था मै
पर रो रहे थे  सब
नभ का अवलोकन कर उस अंतिम सफ़र मे
मै अकेला ही था, मै अकेला ही था||

उनसे जब मेरी नज़र मिली

उनसे जब मेरी नज़र मिली
दिल मे मच गयी खलबली||

पर्दे ने चाँद छिपाया था
जिसे देखकर दिल भरमाया था
अब तक जो खामोश था दिल
वो गीत प्रेम के गाया था
दफ़न हो चुका था जो सैलाब
वो उमड़ के वापस आया था
जैसे की दरवाजे पर दस्तक देने
कोई नया मेहमान आया था
मेरी मायूशी मे जैसे कोई खुशी घुली
उनसे जब मेरी नज़र मिली ......

शाम का वक़्त हसीन था
मौसम भी रंगीन थी
दिल भी खामोश था
मुझको भी होश था
ना जाने फिर क्या हो गया
मै जाने कहा खो गया
रुख़ से पर्दा हटा
मै वही खो गया
एक पल भी ना मेरी नज़र हिली
उनसे जब मेरी नज़र मिली .......

उन नज़रो मे कुछ तो जादू था
जो दिल हुआ बक़ाबू था
मुस्कराहट दिल को मिली थी
जैसे जख्म को राहत मिली थी
लगा जैसे कुछ खो गया है
या कुछ पाने की चाहत मिली थी
अरसे बाद वो पल लोटने वाला है
ऐसी मेरे दिल को आहट लगी थी
लंबे इंतेजार के बाद दिल की खिड़की खुली
उनसे जब मेरी नज़र मिली .......

और वो कुछ ऐसे थी कि
दो नयन सुसोभित थे ऐसे
जैसे श्याम चरण मे रखे कमल
ओज भरा मुख रहा चमक
जैसे दुग्ध अनछुए रहे धवल
साँसे सुंगंधित हो रही ऐसे
जैसे पुष्पो का कोई उपवन
काया की तुलना ही क्या
जैसे ब्रह्मांड का समस्त धन||
उसे  देख मेरे दिल की धड़कन थम चली
उनसे जब मेरी नज़र मिली .......

Thursday 1 January 2015

मेरा रखवाला सबसे बड़ा

मेरा रखवाला सबसे बड़ा
हर पल वो मेरे साथ खड़ा||

मुझको फिर क्या चिंता है
जब उनका हाथ रखा है
उनको तो सब सुलभ है
जिसमे हो मेरी भलाई
करते है प्रभु वो सदा ही
मुझको तो रहना है कृपा की छाया मे .....
मेरा रखवाला............

जब प्रभु के दर मे जाता
देख के मुझको आता
प्रभुजी यो मुझसे कह रहे है
दुखो से मत घबराना
बस मुझको आवाज़ लगाना
रक्षा करूँगा तेरी तूफ़ानो मे....
मेरा रखवाला............

बचपन से इनको जाना
इनको ही अपना माना
ये मेरे प्राणो के आधार है
जब मन मे कुछ दुविधा हो
आकर इनको बतलाना
तेरे सब काम होंगे इशारो मे...
मेरा रखवाला............