ऐसी मेरी एक .बहना है
नन्ही छोटी सी चुलबुल सी
घर आँगन मे वो बुलबुल सी
फूलो सी जिसकी मुस्कान है
जिसके अस्तित्व से घर मे जान है
उसके बारे मे क्या लिखू
वो खुद ही एक पहचान है
मै चरण पदिक हू अगर तो
वो हीरो जड़ा एक गहना है
ऐसी मेरी एक .बहना है...........
कितनी खुशिया थी उस पल मे
जब साथ-२ हम खेला करते
छोटी छोटी सी नाराजी
तो कभी हम आपस मे लड़ते
कभी मानती वो मुझको तो
कभी मै उसको मानता था
उपर से गुस्सा कितना भी
पर मन ही मन मुस्काता था
गुस्से मे वो मुझसे कहती
मुझको नही अब यहाँ रहना है
ऐसी मेरी एक बहना है...........
घर से जब मै दूर गया
पैसे चार कमाने को
कुछ सपने पूरे करने को
कुछ सपने नये बनाने को
बहना सब को है बतलाती
कि भैया बहुत कमाता है
रहता है घर से दूर बहुत
पर मुझसे मिलने आता है
मेरा भाई लाखो मे एक
सबसे उसका ये कहना है
ऐसी मेरी एक बहना है...........
very nice1
ReplyDeleteThanks a lot
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