Monday 13 July 2015

पापा कहाँ खो जाते हो|

शाम को ऑफीस से जब भी तुम घर आते हो,
सबसे पहले आकर के TV का बटन दबाते हो|
रिमोट उठाकर के मनपसंद channel लगते हो,
फिर चलचित्र की दुनिया मैं पापा कहाँ खो जाते हो||

ना जाने की फोन पर क्या-2 type करते रहते हो,
कभी-2 तो खुद से भी कुछ बाते करते रहते हो|
लगता है सबसे ज़्यादा phone आपको प्यारा है,
ऐसा लगने लगता है, जैसे झूठा साथ हमारा है||

मैं सुबह से शाम तक आप के इंतजार मैं रहता हूँ,
बातें आपसे करता हूँ, अपने मित्रो से कहता हूँ|
थके हारे जब भी पापा, ऑफीस से घर आते है,
भूल के सारी काम की चिंता, मुझको गले लगाते है||

मैं बोलू या चुप रहूं, पापा सब समझ जाते है
मेरी हर इच्छा को बिन बोले पूरी कर जाते हैं||

शायद मैं छोटा हूँ बहुत, आपकी मजबूरी को जानता नही
आपकी व्यस्तता के प्रति, ज़िम्मेदारी को पहचानता नही||
पर मेरा भी तो कुछ हक है, आपके साथ समय बिताने का|
माँ को गले लगाने का,फिर  संसार को भूल जाने का||

माना मोबाइल आपको बहुत प्यारा है, पर थोड़ा सा हक तो हमारा है
मोबाइल जितना अगर हो ना सके,TV जितना ही प्यार करो|
Office से घर आते ही, मुझको भी बाहों मे भरो|
सारी दुनिया के रिस्ते निभाते हो, बेटा बहुत याद आते हो
पापा, ऐसा कभी मुझसे भी कहो ||

Sunday 5 July 2015

तुम्हारे हाथो में

अब सौप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथो में,
है जीत तुम्हारे  हाथोमेंऔर  हार  तुम्हारे  हाथो  में.

मेरा निश्चय बस एक यही, एक बार तुम्हे पा जाऊ में,
अर्पण कर दू दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथोमे.

में जग में रहू तो ऐसे रहू, ज्यो जल में कमल का फुल रहे,
मेरे  सब  गुणदोष  समर्पितकर्तार   तुम्हारे  हाथो  में.

यदि मानव का मुझे जन्म मिले,तो तव चरणों एक पुजारी बनू,
ईस पूजक की  ईक -2  रगका, हो  तार  तुम्हारे  हाथो  में.

जब जब संसारका कैदी बनू, निष्काम भाव से कर्म करू,
फिर अंत समय में प्राण तजुसाकार  तुम्हारे  हाथो में.

मुज्मे तुजमे बस भेद यही, में नर हूँ तुम नारायण हो,
में  हूँ  संसार  के  हाथो  में , संसार  तुम्हारे  हाथो   में