Hindi Poem
मेरी राख़ को बिखरा देना किसी बागान में
मेरे मरने के बाद किसी पौधे को जीवन मिले
कि निकले उस पौधे पर कोई फूल
जिसकी सुगंध में छिप जाये मेरे जीवन की दुर्गन्ध ||
#शिवदत्त_श्रोत्रिय